प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना (PM Vishwakarma Yojana) भारत के पारंपरिक कारीगरों और हस्तशिल्पियों को वित्तीय और तकनीकी सहायता देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह योजना उन लोगों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है जो परंपरागत व्यवसायों जैसे नाई, सुनार, दर्जी, लोहार आदि से जुड़े हैं। इस योजना के माध्यम से इन व्यवसायों को न केवल आर्थिक मदद दी जाती है, बल्कि उनका कौशल बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण और टूलकिट खरीदने के लिए आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाती है।
PM Vishwakarma Yojana का उद्देश्य
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य परंपरागत कारीगरों और हस्तशिल्पियों को आर्थिक और तकनीकी सहयोग देकर उनके रोजगार के अवसर बढ़ाना है।
- योजना के अंतर्गत पारंपरिक कार्यों में लगे लोगों को तकनीकी सहायता, प्रशिक्षण और उपकरण खरीदने में सहायता दी जाती है ताकि उनकी आजीविका को सशक्त बनाया जा सके।
कौन-कौन PM Vishwakarma Yojana से जुड़ सकते हैं?
अगर आप इनमें से किसी भी परंपरागत कार्य से जुड़े हैं, तो आप इस योजना के पात्र हैं:
- मालाकार (माला बनाने वाले)
- धोबी (कपड़े धोने वाले)
- दर्जी (कपड़े सिलने वाले)
- टोकरी, चटाई, झाड़ू बनाने वाले
- पत्थर तराशने वाले और तोड़ने वाले
- हथौड़ा और टूलकिट निर्माता
- मोची (जूता बनाने वाले कारीगर)
- फिशिंग नेट निर्माता (मछली पकड़ने के जाल बनाने वाले)
- सुनार (सोने-चांदी के कारीगर)
- गुड़िया और खिलौना निर्माता
- नाई (बाल काटने वाले)
- ताला बनाने वाले
- अस्त्रकार (हथियार बनाने वाले)
- राजमिस्त्री
- नाव बनाने वाले
- लोहार (धातु कार्यकर्ता)
- मूर्तिकार
PM Vishwakarma Yojana पात्रता मानदंड क्या है?
योजना का लाभ उठाने के लिए:
- आवेदनकर्ता की उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए।
- आवेदनकर्ता का पारंपरिक कार्यों से जुड़ा होना अनिवार्य है, यानी वह ऊपर बताए गए किसी भी कार्य को करता हो।
- भारत का नागरिक होना चाहिए।
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PM Vishwakarma Yojana के लाभ क्या हैं?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना से जुड़ने पर आपको कई तरह के लाभ मिलते हैं:
- प्रशिक्षण: योजना में जुड़ने वाले लाभार्थियों को उनके कार्य से संबंधित कौशल बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। यह प्रशिक्षण कुछ दिनों तक चलता है, जिसमें उन्हें कार्य को बेहतर तरीके से करने की तकनीकें सिखाई जाती हैं।
- स्टाइपेंड: प्रशिक्षण के दौरान, लाभार्थियों को प्रति दिन ₹500 का स्टाइपेंड भी दिया जाता है, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति पर बोझ न पड़े और वे ट्रेनिंग को पूरी निष्ठा से कर सकें।
- टूलकिट के लिए सहायता: योजना के तहत आपको ₹15,000 की राशि टूलकिट खरीदने के लिए मिलती है। इस टूलकिट में आपके काम के लिए आवश्यक उपकरण शामिल होते हैं।
- लोन सुविधा:
- पहले चरण में ₹1 लाख तक का लोन मिलता है, जिससे आप अपने व्यवसाय को बढ़ा सकते हैं या उसमें सुधार कर सकते हैं।
- दूसरे चरण में ₹2 लाख तक का अतिरिक्त लोन उपलब्ध है, जिसे चुकाने में भी कुछ रियायतें दी जाती हैं।
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PM Vishwakarma Yojana के लिए कैसे करें आवेदन?
PM Vishwakarma Yojana का लाभ लेने के लिए आपको एक सरल प्रक्रिया के माध्यम से आवेदन करना होता है:
- PMVY पोर्टल पर जाएं: सबसे पहले आपको प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- पंजीकरण करें: वेबसाइट पर एक विकल्प होता है “पंजीकरण” का, उस पर क्लिक करें और अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम, जन्मतिथि, पता आदि भरें।
- व्यवसाय चुनें: पंजीकरण के बाद, आपको अपने व्यवसाय को चुनना होता है जो योजना के तहत पात्र हो।
- दस्तावेज़ अपलोड करें: आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण और व्यवसाय से संबंधित प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेज़ अपलोड करें।
- फॉर्म सबमिट करें: सभी जानकारी भरने के बाद फॉर्म सबमिट करें और आपको एक पावती मिलेगी जो यह पुष्टि करती है कि आपका आवेदन सफलतापूर्वक जमा हो गया है।
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FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
निष्कर्ष
PM Vishwakarma Yojana उन सभी पारंपरिक कारीगरों और हस्तशिल्पियों के लिए एक सुनहरा अवसर है जो अपने कार्य को न केवल जारी रखना चाहते हैं बल्कि उसे उन्नत भी बनाना चाहते हैं। इस योजना के माध्यम से सरकार का उद्देश्य न केवल उनके कौशल को प्रोत्साहित करना है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाना भी है। प्रशिक्षण, स्टाइपेंड, टूलकिट सहायता, और लोन सुविधाएं प्रदान करके यह योजना कारीगरों को अपने काम में सुधार और विस्तार करने में मदद करती है।
अगर आप पारंपरिक कार्य से जुड़े हैं, तो इस योजना में शामिल होकर न केवल सरकारी सहायता प्राप्त कर सकते हैं बल्कि अपनी रोज़गार क्षमता को भी बढ़ा सकते हैं। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना एक ऐसा कदम है जो देश के कारीगरों और शिल्पकारों को आत्मनिर्भर बनाकर “आत्मनिर्भर भारत” के लक्ष्य को मजबूत बनाने में सहायक सिद्ध होगी।