हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में शनिवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कई बड़े और ऐतिहासिक फैसले लिए गए। इन फैसलों का मुख्य उद्देश्य राज्य में शहरीकरण को बढ़ावा देना, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सशक्त बनाना और रोजगार के नए अवसर पैदा करना है। आइए जानते हैं इन फैसलों के विस्तृत पहलुओं को, जिनसे हिमाचल प्रदेश के लाखों लोगों को फायदा होगा।
शहरी विकास को नई दिशा: तीन नगर निगम, दो नगर परिषद और छह नई नगर पंचायतें
राज्य सरकार ने शहरीकरण को मजबूती देने के लिए बड़े कदम उठाए हैं।
- हमीरपुर, ऊना और बद्दी को नगर निगम का दर्जा दिया गया है।
- नादौन और जाबली को नगर पंचायत से नगर परिषद बनाया गया।
- छह नई नगर पंचायतें बनाई गईं:
- संधोल
- धर्मपुर
- बड़सर
- भोरंज
- बंगाणा
- कुनिहार
हिमाचल कैबिनेट के बड़े फैसले: क्या होगा फायदा?
- इन नगर निकायों के निर्माण से 500 से अधिक गांव शहरी क्षेत्र में शामिल होंगे।
- नगर निगम बनने से इन क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं, बेहतर सड़कों, सफाई और जल आपूर्ति में सुधार होगा।
- हिमाचल में अब कुल आठ नगर निगम हो जाएंगे, जिनमें शिमला, धर्मशाला, मंडी, पालमपुर और सोलन पहले से शामिल हैं।
आयुष्मान भारत योजना का विस्तार: 70 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजन होंगे शामिल
सरकार ने 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी वृद्धजनों को आयुष्मान भारत योजना के दायरे में लाने का ऐतिहासिक फैसला किया है।
- इन वृद्धजनों को अब 5 लाख रुपये तक का अतिरिक्त टॉप-अप कवर मिलेगा।
- इससे राज्य के हजारों वरिष्ठ नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
- पहले से पंजीकृत वृद्धजनों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा।
क्यों जरूरी है यह फैसला?
यह योजना वृद्धजनों को आर्थिक और स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करेगी, जिससे उन्हें बीमारी के समय वित्तीय बोझ से राहत मिलेगी।
4500 मल्टी टास्क वर्करों का मानदेय बढ़ा
लोक निर्माण विभाग के 4500 मल्टी टास्क वर्करों के मानदेय में 500 रुपये प्रति माह की वृद्धि की गई है।
- पहले से कम वेतन मिलने की शिकायतों के चलते सरकार ने यह निर्णय लिया।
- इस वृद्धि से इन वर्करों को वित्तीय सुरक्षा मिलेगी।
लाभ:
- इससे कार्यरत वर्करों को मनोबल मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
- इस फैसले से सरकारी कार्यों की प्रभावशीलता भी बढ़ेगी।
महिलाओं के लिए घर बनाने की आर्थिक सहायता
सरकार ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है।
- दिव्यांग, विधवा, परित्यक्त और एकल नारी को घर बनाने के लिए 3 लाख रुपये तक की सहायता दी जाएगी।
- यह सहायता केवल उन महिलाओं को मिलेगी जिनकी वार्षिक आय 2.50 लाख रुपये से कम है।
फायदा:
- इस फैसले से राज्य की कई महिलाएं अपने घर का सपना पूरा कर सकेंगी।
- यह निर्णय हिमाचल भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के तहत पंजीकृत महिलाओं के लिए लाभदायक होगा।
मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना का विस्तार: परित्यक्त बच्चों को मिलेगी सुरक्षा
परित्यक्त बच्चों के कल्याण के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना का दायरा बढ़ाया है।
- इन बच्चों को अब 27 वर्ष की आयु तक योजना का लाभ मिलेगा।
- जिला स्तर पर बनाई गई समितियां इन लाभों को तेजी से प्रदान करेंगी।
लाभ:
- इस योजना के माध्यम से बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य और वित्तीय सहायता मिलेगी।
- यह योजना परित्यक्त बच्चों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने का प्रयास है।
ई-टैक्सी योजना: स्वरोजगार को मिलेगा बढ़ावा
सरकार ने राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना-2023 को लागू करने का निर्णय लिया है।
- इसके तहत ई-टैक्सी मालिकों को सरकारी विभागों से जुड़ने पर 50 हजार रुपये मासिक न्यूनतम किराया मिलेगा।
- इस योजना के तहत अभी तक 121 टैक्सियों की मांग आ चुकी है।
क्यों खास है यह योजना?
यह फैसला पर्यावरण के अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देगा और स्वरोजगार को प्रोत्साहित करेगा।
शहरी जनसंख्या में होगा बड़ा इजाफा
वर्तमान में हिमाचल के 61 शहरी निकायों की जनसंख्या 7.80 लाख है।
- नए नगर निगम और पंचायतों के जुड़ने से यह संख्या 8.50 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है।
- इससे शहरी क्षेत्रों में विकास कार्यों को तेज गति मिलेगी।
इन फैसलों का व्यापक प्रभाव
- शहरीकरण को बढ़ावा:
- नगर निगमों और पंचायतों के विस्तार से शहरी क्षेत्रों में बेहतर सुविधाएं और विकास होगा।
- शहरी निकायों में शामिल गांवों को बेहतर सड़क, पानी और सफाई जैसी सुविधाएं मिलेंगी।
- सामाजिक सुरक्षा:
- वृद्धजनों, महिलाओं और बच्चों के लिए योजनाओं के विस्तार से सामाजिक सुरक्षा मजबूत होगी।
- महिलाओं को घर बनाने की आर्थिक सहायता से सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा।
- रोजगार:
- ई-टैक्सी योजना और मल्टी टास्क वर्करों के मानदेय में वृद्धि से रोजगार और आय में सुधार होगा।
निष्कर्ष
हिमाचल कैबिनेट के बड़े फैसले राज्य को विकास के नए आयामों पर ले जाएंगे। शहरीकरण से लेकर सामाजिक सुरक्षा और रोजगार तक, हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा। यह सरकार के विकास, कल्याण और सशक्तिकरण के विजन को दर्शाता है।